Career Selection Tips आसान तरीके करियर का चयन - "नक्षत्र बनाम करियर"
विषय-सूची (TOC)
- राहु नक्षत्र अनुसार करियर विकल्प
- केतु नक्षत्र और करियर
- शनि कर्म कारक बनाम करियर
- शनि की डिग्री और करियर क्षेत्र
- 10वां भाव बनाम करियर फॉर्मूला
- करियर के लिए आत्मकारक बनाम कारकांश
- चंद्रमा नकद तरलता और करियर
- सरकारी नौकरियों में सफलता और ज्योतिषीय संकेत
- अंक ज्योतिष बनाम करियर
परिचय
ज्योतिष किसी व्यक्ति के करियर का गहन विश्लेषण करने का एक प्रभावशाली माध्यम है। नक्षत्र, ग्रहों की स्थिति और कुंडली के भावों के आधार पर आप अपने करियर को सही दिशा में मोड़ सकते हैं। इस ब्लॉग में, हम राहु, केतु, शनि और अन्य ज्योतिषीय कारकों के प्रभावों के आधार पर करियर चयन के आसान तरीके बताएंगे।
1. राहु नक्षत्र अनुसार करियर विकल्प
राहु के घर की स्थिति और करियर: राहु का जिस भाव में स्थान है, वह करियर क्षेत्र की दिशा तय करता है।
पहला घर: नेतृत्व, राजनीति, जनसंपर्क।
दूसरा घर: बैंकिंग, भाषण, लेखन।
तीसरा घर: मीडिया, मार्केटिंग, यात्रा।
चौथा घर: रियल एस्टेट, आर्किटेक्चर।
पांचवां घर: सिनेमा, क्रिएटिव फील्ड।
छठा घर: चिकित्सा, सेवा क्षेत्र।
सातवां घर: साझेदारी, कानून।
आठवां घर: अनुसंधान, गुप्त विज्ञान।
नौवां घर: उच्च शिक्षा, धर्म, यात्रा।
10वां घर: सरकारी नौकरी, कॉर्पोरेट सेक्टर।
राहु के नक्षत्र लक्षण: आर्द्रा (अभिनव और तकनीकी क्षेत्र), स्वाति (स्वतंत्र और व्यापारिक), शतभिषा (अनुसंधान, चिकित्सा)।
2. केतु नक्षत्र और करियर
केतु के भाव की स्थिति: आध्यात्मिक गुरु, लेखक, परामर्शदाता, शोधकर्ता।
केतु के नक्षत्र: अश्विनी (चिकित्सा), मघा (प्रशासन), मूला (अनुसंधान)।
केतु के गुण आत्मिक और आध्यात्मिक करियर में सफलता दिलाते हैं।
3. शनि कर्म कारक बनाम करियर
शनि के घर की स्थिति: पहला घर (प्रशासन, राजनीति), दूसरा घर (वित्तीय क्षेत्र, कृषि), चौथा घर (रियल एस्टेट)।
शनि की डिग्री: नौकरी बनाम व्यवसाय शनि की डिग्री और राशि पर आधारित होता है।
4. शनि की डिग्री और करियर क्षेत्र
शनि की उच्च डिग्री किसी भी व्यक्ति को संरचना और अनुशासन में अग्रणी बनाती है।
नौकरी और व्यवसाय शनि की डिग्री और कुंडली के अन्य प्रभावों पर आधारित होता है।
5. 10वां भाव बनाम करियर फॉर्मूला
10वें भाव में उपस्थित ग्रह और स्वामी करियर को आकार देते हैं। जैसे:
मंगल: रक्षा, पुलिस।
शुक्र: कला, फैशन।
बुध: लेखन, संचार।
6. करियर के लिए आत्मकारक बनाम कारकांश
आत्मकारक ग्रह: आपकी सबसे महत्वपूर्ण प्रतिभा को दर्शाता है।
कारकांश: आपकी कुंडली का करियर मार्गदर्शक।
यह आपकी कुंडली के अनुसार आपके गुणों को सही दिशा में उपयोग करने में मदद करता है।
7. चंद्रमा नकद तरलता और करियर
चंद्रमा की स्थिति: चंद्रमा वित्तीय तरलता और शिक्षा के क्षेत्र को प्रभावित करता है।
दूसरा घर: नकद लाभ।
चौथा घर: शिक्षा और ज्ञान।
8. सरकारी नौकरियों में सफलता और ज्योतिषीय संकेत
8वां और 9वां भाव: सरकारी नौकरी में सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं।
8वां भाव: संघर्ष और देर से सफलता।
9वां भाव: उच्च पद और भाग्य।
9. अंक ज्योतिष बनाम करियर
अंक ज्योतिष करियर फॉर्मूला:
1: प्रशासन, सरकारी नौकरी।
3: संचार, शिक्षा।
6: चिकित्सा, सेवा क्षेत्र।
8: उद्योग और व्यापार।
निष्कर्ष
ज्योतिष और अंकशास्त्र की मदद से करियर चयन करना आसान और प्रभावी हो सकता है। नक्षत्र, ग्रह और भाव के आधार पर करियर को सही दिशा दें और सफलता की सीढ़ी चढ़ें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. ज्योतिष से करियर कैसे तय करें?
ग्रह, नक्षत्र और भावों के आधार पर करियर चुना जा सकता है।
2. क्या ज्योतिष सरकारी नौकरी में सफलता दिला सकता है?
हां, 10वें भाव और शनि की स्थिति सरकारी नौकरी के लिए महत्वपूर्ण हैं।
Very nice explained about career
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