जिवन का BLUE PRINT PREDICTIONS

Career Selection, अपने कर्म का चुनाव
By -
0

1.सबसे पहले उंच ओर नीच के ग्रह को देखकर:यदि कोई नीच का गृह हो  Refer it as Pending Karma 

 नीच ग्रह क्या है? — ज्योतिषीय और दार्शनिक दृष्टिकोण से

  • 'नीच' का अर्थ है — ग्रह का ऐसा भाव या राशि में होना जहाँ वह अपने स्वाभाविक गुण खो देता है।
  • यह मानसिक, भावनात्मक या भौतिक कमजोरियों के रूप में सामने आता है। 
  • जातक ने पिछले जन्म में इस ग्रह से सम्बन्धित Relative के साथ बुरा बर्ताव किया था, इस जन्म में जातक को अपने कर्म रिश्ते सुधारने का मौका दिया जा रहा है
  • यदि कर्म कारक शनिग्रह, या कोई दूसरा ग्रह नीच का हो तो उसके बिजनेस कार्य से बचना चाहिए
  •  उससे संबंधित बिजनेस नहीं करना चाहिए लेकिन  यही स्थिति — नीचभंग राजयोग के रूप में भी पलट सकती है,  तब आप Business कर धन कमा सकते हो,यदि ग्रह सही तरीके से "ट्रिगर" हो।
   
Jivan Ke Blue Print

2. Date of Birth (DOB) में छिपे हैं

 सफलता के संकेत? क्या आपकी सरकारी नौकरी या बिजनेस में सफलता का योग है?

आपके जन्म की तारीख में मौजूद कुछ नंबर – जैसे कि 1,3, 5, 7, 8, और 9 – आपकी नौकरी,  और बिजनेस लाइफ की दिशा तय करते हैं।

यदि 1,3,5,8,9 Try Govt JOB Nokri And 
2,4,5,6 Business को indicate करते हैं 

2.3 यदि किसी की GRID में Number 3, 7missing है तो लिखो इस जातक को Class 1 Job  UPSC/IAS/IPS की तैयारी मे Time waist नहीं करना चाहिए 


3. शनि Vs Career | Career Impact of Saturn

Point: शनि ही करियर और आजीविका का कारक ग्रह है।
Example: शनि शुभ हो तो मेहनत का फल मिलेगा, अशुभ हो तो कठिन मेहनत के बाद भी रिजल्ट नहीं मिलेगा।

3.1. Saturn आपके career में धीरे-धीरे स्थायित्व लाता है। यदि शनि मजबूत हो तो व्यक्ति government job, judiciary, engineering, mining, oil, या astrology जैसी fields में उन्नति करता है।

3.2 वक्री/रेट्रो शनि = मेहनत आपकी, फायदा किसी और का

Point: वक्री शनि में आप काम करेंगे, लेकिन परिणाम दूसरों को मिलेगा। वक्री ग्रह पिछले जन्म की वसूली के लिए आते हैं। This Brings Frustration in life 

Example: वक्री मंगल = प्रॉपर्टी या भाई से जुड़े कार्यों में लाभ नहीं मिलेगा।

REMIDY: डिसिप्लिन अपनाओ, शनि खुद साथ देगा: डिसिप्लिन ही सबसे बड़ी रेमेडी है।

4.शनि की दृष्टियाँ और करियर

3rd दृष्टि (शनि से तीसरा भाव) – यह बताती है कि व्यक्ति को अपने करियर में कहां मेहनत करनी पड़ेगी और किस तरह की स्किल्स डेवलप करनी होंगी।  Identify शनि से तिसरै भाव की राशि and this Sign Related Carrier Environment  शनि से तिसरै भाव मे जो ग्रह बैठा है वहीं काम करने पर ज्यादा सफल होंगे।

4.2  Saturn House Vs Career 

Identify Saturn's house placement.

Match the house to career domains.

Determine Saturn's zodiac sign and associated fields.

Assess conjunctions with other planets.

Choose a career based on house, zodiac sign, and conjunction influences. " Print This Field indicated by Saturn"

4.3 Saturn Degree & Field of Profession Domain 

Identify Saturn's degree.

Identify the planet with the immediate greater degree.

Understand the traits of this planet.

Match these traits to career:. "Print You Must Go for this Higher Degree Planet "

5. कष्ट कारक ग्रह 🪐 परिचय: ज्ञाति/कष्ट कारक ग्रह क्या है?

जन्मकुंडली में जब सभी ग्रहों को उनकी डिग्री के ascending क्रम (lowest to highest) में क्रमबद्ध करते हैं, तो दूसरे स्थान पर आने वाला ग्रह ज्ञाति या कष्टकारक ग्रह (Gnati Karak) कहलाता है।

👉 वहीं descending order (उच्च डिग्री से नीचे की ओर) में देखें तो यह छठे स्थान पर आता है।  यह ग्रह जीवन में बार-बार संकट, बीमारियाँ, मानसिक तनाव, दुर्घटनाएं और विवाद पैदा करता है — खासकर जब यह अन्य कारक ग्रहों के साथ युति करता है।

When you Understand your Gneti Karka यदि कष्ट कारक ग्रह  को पहचान लिया तो इस ग्रह से संबंधित व्यवसाय ना करें तो अच्छा है, ओर यदि  कर रहे हो तो जिस राशि मे बैठा हुआ है उस राशि से संबंधित तत्व Elements के अनुसार उपाय करो।

ग्रह जिस तत्व (Agni, Jal, Vayu, Prithvi) की राशि में बैठा हो, उस तत्व के अनुसार उपाय करें:

🔥 अग्नि तत्व (मेष, सिंह, धनु)

उपाय: हवन, इस के आइटम का हवन करें वैदिक मंत्र के सथ
🌊 जल तत्व (कर्क, वृश्चिक, मीन) 

उपाय: इस ग्रह के आइटम को जल प्रवाहित करें बैठे हुए जल में

🌬 वायु तत्व (मिथुन, तुला, कुम्भ)

उपाय: वायु देव, इस ग्रह के वैदिक मंत्र का जाप करें
🌍 पृथ्वी तत्व (वृषभ, कन्या, मकर)

उपाय: जो गृह कष्ट कारक है उसके आइटम को जमीन के अंदर दबाना पड़ेगा तब जाकर वह शांत होगा
6. यदि कष्ट कारक ग्रह की राशि चर दशा  दशा का समय चल रहा हो तो यह समय कष्टकारक रहेगा, यदि विमसोत्री महादशा में इस कष्ट कारक ग्रह की चल रही है तो यह ग्रह कष्ट देने का प्रयास करेगा।

7 धन कहां से आयेगा  ओर कब आयेगा 

भाग्य कब जागेगा? (Bhagya Uday Analysis)

✅ नवम भाव (9th House) में जो राशि बैठी है, उसका स्वामी जिस भाव में बैठा है, वही भाग्य उदय का समय बताएगा।
✅ स्वामी के वर्ष को देखें – यही साल आपका भाग्य उदय करने वाला होगा।

📅 जन्मतिथि के अनुसार भाग्य उदय वर्ष:

  • गुरु की राशि – 16 से 21 वर्ष
  • सूर्य की राशि (मेष, सिंह) – 22 से 24 वर्ष
  • मंगल की राशि (मेष, वृश्चिक) – 28 वर्ष
  • बुध की राशि (मिथुन, कन्या) – 32 वर्ष
  • राहु यदि ताकतवर है – 42 वर्ष
  • केतु की स्थिति – 48 वर्ष
  • शुक्र की राशि (वृषभ, तुला) – 52 वर्ष
  • शनि की राशि (मकर, कुंभ) – 36 वर्ष

3️⃣ पैसा कहां से आएगा? (Wealth Analysis in Astrology)

📌 11वें भाव, दूसरे  भाव का विश्लेषण (House of Wealth and Gains)

कुंडली में 11वें भाव (लाभ स्थान) को देखें:
1️⃣ 11वें भाव में कौन-कौन से ग्रह बैठे हैं?
2️⃣ इनमें सबसे मजबूत ग्रह कौन सा है?
3️⃣ क्या यह ग्रह लग्न के लिए शुभ है?
4️⃣ 11वें भाव का स्वामी किस भाव में बैठा है?
5️⃣ कौन से ग्रह 11वें भाव को देख रहे हैं?

📌 यदि 11वें भाव का स्वामी इन भावों में हो तो:

  • 1st House – Self-made करोड़पति बनने का योग
  • 2nd House – धनवान परिवार और अच्छी इनकम
  • 3rd House – मेहनत से पैसा कमाने की प्रवृत्ति
  • 4th House – प्रॉपर्टी और वाहन से धन लाभ
  • 5th House – शेयर मार्केट, क्रिएटिव फील्ड से पैसा
  • 6th House – सरकारी नौकरी या चिकित्सा क्षेत्र से पैसा
  • 7th House – बिजनेस पार्टनरशिप से लाभ
  • 8th House – गुप्त धन या इन्वेस्टमेंट से लाभ
  • 9th House – भाग्य से अचानक धन की प्राप्ति
  • 10th House – करियर से बड़ा धन
  • 11th House – मल्टीपल इनकम स्रोत
  • 12th House – विदेशों से धन
इसी तरह दुसरे भाव का स्वामी ग्रह भी धन देने के लिए बाधित होता है, दूसरे भाव के सवमी की दशा अंतर्दशा में धन लाभ होगा 

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)